शिमला : अवैध हुक्का परोसने पर बड़ी कार्रवाई, ‘तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0’

“हिमाचल प्रदेश में ‘तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0’ के तहत राज्य फ्लाइंग स्क्वायड ने शिमला के प्रमुख कैफे और रेस्तरां में अवैध हुक्का परोसने के खिलाफ एक संयुक्त प्रवर्तन अभियान चलाया”

शिमला 07 / 12 / 2025 संतोष सेठ की रिपोर्ट 

इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, आबकारी एवं कराधान तथा पुलिस विभाग की टीमें शामिल थीं।

1. अभियान का विवरण

विशेषता जानकारी
अभियान का नाम तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0
उद्घाटन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (13 अक्टूबर, 2025)
क्रियान्वयन राज्य फ्लाइंग स्क्वायड द्वारा संयुक्त प्रवर्तन अभियान
सहभागी टीमें स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, आबकारी एवं कराधान, तथा पुलिस विभाग।

2. निरीक्षण में पाई गई मुख्य अनियमितताएं

  • धोखाधड़ी: कई प्रतिष्ठान फ्लेवर, हर्बल या नो-निकोटीन के नाम पर हुक्का परोस रहे थे।

  • तंबाकू की उपस्थिति: जब्त किए गए पैकेटों पर तंबाकू और निकोटीन स्पष्ट रूप से अंकित था।

  • कानूनी उल्लंघन: बड़ी संख्या में पैकेटों पर अनिवार्य वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनियां नहीं लिखी थीं, जो सीओटीपीए 2003 की धारा 7 का गंभीर उल्लंघन है।

  • कार्रवाई: संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है और जब्त सामग्री न्यायालय में प्रस्तुत की गई है।

3. हुक्का से जुड़े स्वास्थ्य खतरे और चेतावनी

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रविंदर कुमार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश के मिशन निदेशक प्रदीप ठाकुर ने हुक्का के खतरों को रेखांकित किया:

खतरा/तथ्य विवरण
शक्तिशाली लत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हुक्के को एक अत्यधिक लत लगाने वाला पदार्थ मानता है।
सिगरेट के बराबर खतरा 45 मिनट का हुक्का सत्र, 100 सिगरेट के धुएं के बराबर हो सकता है।
कार्बन मोनोऑक्साइड हुक्का बड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न करता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
कैंसरजनक धुआं उपयोगकर्ता अधिक गहराई से और लंबे समय तक धुआं खींचते हैं, जिससे कैंसरजनक धुएं के संपर्क में वृद्धि होती है।
संक्रामक रोग हुक्का पाइप साझा करने से टीबी (Tuberculosis), हेपेटाइटिस तथा हर्पीज़ जैसी संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

4. निगरानी और प्रवर्तन

  • समस्याग्रस्त क्षेत्र: कुल्लू (विशेषकर कसोल और मनाली), शिमला, धर्मशाला और सोलन जिलों में अवैध हुक्का परोसने की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही हैं।

  • भविष्य की रणनीति: निगरानी और प्रवर्तन को मज़बूत करने के लिए राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर तीन-स्तरीय फ्लाइंग स्क्वाड प्रणाली के माध्यम से कार्य किया जाएगा।

यह अभियान युवाओं और नाबालिगों में तेज़ी से बढ़ रहे हुक्का बारों के प्रचलन को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है।