बांग्लादेश : शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद ढाका में भड़की हिंसा

“बांग्लादेश की राजनीति के फलक पर एक बड़ा सितारा बुझ गया है। जुलाई आंदोलन के प्रखर नेता और इंक़िलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी का सिंगापुर में इलाज के दौरान निधन हो गया”

ढाका 19 / 12 / 2025 संतोष सेठ की रिपोर्ट 

सिर में गोली लगने के कारण वह छह दिनों से कोमा में थे। उनकी मौत की खबर ने बांग्लादेश को एक बार फिर अस्थिरता के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। ढाका की सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी न्याय की मांग को लेकर उतर आए हैं।

मौत के बाद ‘राजकीय शोक’ और सरकार का वादा

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए हादी को ‘जुलाई आंदोलन का निडर योद्धा’ बताया। सरकार ने उनकी स्मृति में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। डॉ. यूनुस ने व्यक्तिगत रूप से आश्वासन दिया कि:

  • हादी के हत्यारों को खोजकर कड़ी सजा दी जाएगी।

  • सरकार उनकी पत्नी और इकलौते बच्चे की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी।

  • नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।

हिंसा की आग: प्रोथोम आलो (Prothom Alo) के दफ्तर पर हमला

हादी की मौत का गुस्सा मीडिया संस्थानों पर भी फूट पड़ा। ढाका में देश के सबसे बड़े बंगाली अखबार ‘प्रोथोम आलो’ के कार्यालय पर भीड़ ने हमला कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने दफ्तर की कई मंजिलों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी।

इस हमले के दौरान कई पत्रकार और कर्मचारी अंदर फंसे रहे। हालांकि यह अखबार अंतरिम सरकार के प्रति नरम रुख रखता रहा है, लेकिन उस पर हुए हमले ने देश में कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है।

सड़कों पर ‘इंक़िलाब मंच’ का अल्टीमेटम

ढाका के ऐतिहासिक शाहबाग चौराहे पर छात्रों और आम जनता का हुजूम उमड़ पड़ा है। इंक़िलाब मंच ने साफ चेतावनी दी है कि:

  1. यदि हमलावरों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया, तो देशभर को ठप (Shutdown) कर दिया जाएगा।

  2. यदि आरोपी भारत भाग गए हैं, तो अंतरिम सरकार को भारत सरकार से बात कर उन्हें तुरंत प्रत्यर्पित (Extradite) कराना चाहिए।

  3. गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के इस्तीफे की मांग को लेकर उनका पुतला भी फूंका गया।

सुरक्षा के लिए ‘ऑपरेशन डेविल हंट 2’ की शुरुआत

हालात बेकाबू होते देख सरकार ने देशभर में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं।

  • ऑपरेशन डेविल हंट 2: उपद्रवियों और हमलावरों को पकड़ने के लिए एक विशेष सैन्य अभियान शुरू किया गया है।

  • हथियार लाइसेंस: राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए सरकार ने चुनाव उम्मीदवारों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए हथियार लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल कर दिया है ताकि वे अपनी सुरक्षा कर सकें।

कौन थे शरीफ उस्मान हादी?

हादी पिछले साल हुए उस छात्र आंदोलन के प्रमुख रणनीतिकार थे, जिसे ‘जुलाई विद्रोह’ के नाम से जाना जाता है। इसी आंदोलन ने 5 अगस्त को शेख हसीना की 15 साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंका था। आगामी चुनावों में हादी एक प्रमुख उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे थे, जिसे उनकी हत्या के पीछे की एक बड़ी राजनीतिक वजह माना जा रहा है।