शाहजहांपुर में बाढ़ का कहर: नदियों में उफान, गाँव-शहर जलमग्न, प्रशासन अलर्ट

शाहजहांपुर में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। पिछले कई दिनों से जारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी ने जिले की तस्वीर बदल दी है। गर्रा, कठना और खन्नौत नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं।

बांधों से छोड़ा गया पानी बना खतरा

जानकारी के अनुसार, गर्रा नदी में दियूनी बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। इसके चलते नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और आसपास के गांवों में पानी घुस गया। कठना और खन्नौत नदियों में भी पानी का दबाव बढ़ रहा है जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

प्रभावित इलाके

  • शहर क्षेत्र: कटरा चौक, रोजा रोड, कांट रोड, अजीजगंज, बरेली मोड़, सुभाषनगर, अब्दुलागंज, लोधीपुर, ब्रजबिहार।

  • ग्रामीण क्षेत्र: नवादा इंदेपुर, जलालाबाद, तिलहर, रोजा, सेहरामऊ दक्षिणी आदि।

  • धार्मिक स्थल: हनुमत धाम पूरी तरह से पानी से घिर गया है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

लोगों की परेशानी

पानी भरने से लोगों के घरों और खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है।

  • नवादा इंदेपुर निवासी लालाराम ने बताया – “गांव के खेत पूरी तरह से डूब चुके हैं। घरों में भी पानी घुस चुका है। हमने बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है, लेकिन खाने-पीने और रहने की दिक्कत बढ़ती जा रही है।”

  • कटरा चौक निवासी राजेश गुप्ता ने कहा – “रातभर पानी तेजी से बढ़ा। घरों में घुटनों तक पानी घुस गया है। प्रशासन की नावें कभी-कभी आती हैं, लेकिन अभी तक कोई राहत सामग्री नहीं मिली है।”

  • अजीजगंज निवासी शबाना ने चिंता जताई – “हर तरफ पानी ही पानी है। साफ पानी की समस्या सबसे बड़ी है। छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।”

स्वास्थ्य विभाग की विशेष तैनाती

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से जारी आदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और सपोर्ट स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है।

  • अजीजगंज, हनुमत धाम, सुभाषनगर, लोधीपुर और ककरौली क्षेत्रों में चिकित्सा अधिकारी और उनकी टीमों को भेजा गया है।

  • डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे समय पर अपनी ड्यूटी पर पहुंचें और किसी भी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा न आने दें।

प्रशासन की तैयारी

जिला प्रशासन ने कहा है कि राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है। प्रभावितों के लिए भोजन, पानी और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

  • एनडीआरएफ, जल पुलिस और बचाव दलों को अलर्ट कर दिया गया है।

  • नावों के जरिए बाढ़ग्रस्त गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।

  • कई स्कूल और धर्मशालाओं को अस्थायी राहत शिविरों में बदल दिया गया है।

जिला प्रशासन की अपील

जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। जो भी लोग निचले इलाकों में रह रहे हैं, वे जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें।

हेल्पलाइन नंबर

📞 कंट्रोल रूम – 05842-222100

📞 आपदा राहत हेल्पलाइन – 1077 (टोल फ्री)

📞 पुलिस कंट्रोल रूम – 100