“दिल्ली वालों को यमुना की लहरें डरा रही हैं। यमुना का जलस्तर लगातार बढऩे से दिल्ली में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बुधवार शाम तक जलस्तर 207.33 मीटर तक पहुंच गया, जो 2013 के रिकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है”
नई दिल्ली 04 / 09 / 2025 संतोष सेठ की रिपोर्ट
बढ़ते पानी का असर अब राहत शिविरों पर भी दिखने लगा है। बाढ़ से बचाने के लिए लगाए गए टेंट में भी यमुना का पानी घुस गया है। 1963 के बाद से यह पांचवीं बार है, जब यमुना ने 207 मीटर के निशान को पार किया है।
दिल्ली के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सडक़ें नदियां और बाजार तालाब बन गए हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर 340 से ज्यादा फ्लाइट्स डिले हुई हैं। अब तक 12 हजार लोग घर छोडक़र सुरक्षित जगहों पर जा चुके हैं।
यमुना नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर से जान और सामान बचाने के लिए लोग सुरक्षित जगहों की ओर भाग रहे हैं। मजनू का टीला में दुकानदारों से लेकर मदनपुर खादर और बदरपुर में रहने वाले परिवार अब अस्थायी शेल्टरों में रह रहे हैं। दिल्ली में यमुना का उच्चतम जलस्तर 13 जुलाई 2023 को 208.66 मीटर दर्ज किया गया था।
हथिनीकुंड बैराज से बुधवार सुबह से लेकर रात तक छोड़े जा रहे पानी को दिल्ली आते देखकर ये साफ है कि पानी जल्द कम नहीं होगा। देर रात यमुना का जलस्तर 207.40 मीटर तक पहुंच गया था। यमुना में लगातार बढ़ रहे पानी से दिल्ली डूबने लगी है। बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
अब शहर के भीतरी हिस्सों में भी पानी भरने का खतरा बढ़ गया है। वहीं, हथिनीकुंड बैराज से बुधवार सुबह से लेकर रात तक छोड़े जा रहे पानी को दिल्ली आते देखकर ये साफ है कि पानी जल्द कम नहीं होगा। देर रात यमुना का जलस्तर 207.40 मीटर तक पहुंच गया था।
केंद्रीय जल आयोग ने सूचना जारी की है कि दिल्ली में पानी और बढ़ सकता है। इससे आशंका है कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर 208 मीटर तक पहुंच सकता है। यदि ऐसा होता है तो 2023 की बाढ़ की तरह आउटर रिंग रोड और कश्मीरी गेट आईएसबीटी तक पानी पहुंचने के आसार हैं।
इससे दिल्ली में न केवल आवागमन बाधित हो सकता है बल्कि बड़े पैमाने पर जनजीवन प्रभावित होने का खतरा भी है। दिल्ली में बुधवार को यमुना में जो पानी नजर आया है, वह हथिनीकुंड बैराज से सोमवार को सुबह 9 बजे छोड़े गए इस सीजन के पीक डिस्चार्ज 3.29 लाख क्यूसेक का असर है।
लेकिन पहाड़ों पर लगातार हो रही तेज बारिश के कारण सोमवार से बुधवार तक हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे करीब 1.5-2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली ने पिछले 100 साल में कई बार बाढ़ देखी, जो 1924, 1947, 1955, 1956, 1967,1971, 1975, 1976 और 1978 में देखी।
ब्रिटिश काल से लेकर 1956 तक यमुना करीबन हर साल यमुना पार के निचले इलाकों में अपना कहर बरपाती थी। लिहाजा 1956 के बाद शाहदरा तटबंध और बड़े बांधों का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 12 जुलाई 2023 को 208.66 मीटर के जल स्तर पर पहुंच गया था और 45 साल का रिकॉर्ड टूट गया था। तब एक दिन में रिकॉर्ड 153 मिमी वर्षा हुई थी। घरों में 8-8 फीट तक पानी भर गया था। गलियों में नावें चल रही थीं। घरों का सामान पानी में तैर रहा था।
दिल्ली 2 साल बाद फिर जल प्रलय के खतरे का सामना कर रही है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 12 जुलाई 2023 को 208.66 मीटर के जल स्तर पर पहुंच गया था और 45 साल का रिकॉर्ड टूट गया था।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर में बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में 7 सितंबर तक बारिश होने की संभावना है।
इस बीच यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए रिंग रोड पर पानी नहीं आ सके, इसके लिए अधिकारी यमुना के किनारे रेत की बोरियों से भरा जा रहा है। दिल्ली सरकार के अधिकारी रोड पर पानी आने के संभावित जगहों पर विशेष निगरानी कर उचित उपाय कर रहे हैं।