“मुख्यमंत्री ने यमुना की सफाई और पुनरुद्धार, उसमें नालों के गंदे पानी को गिरने से रोकने और नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने समेत एक व्यापक योजना पेश की है। दिल्ली में यमुना का विकास अहमदाबाद में साबरमती रिवर-फ्रंट की तर्ज पर किया जाएगा”
नई दिल्ली 26 / 03 / 2025 संतोष सेठ की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें यमुना की सफाई, महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा विकास सहित 10 क्षेत्रों पर जोर देते हुए राष्ट्रीय राजधानी को आत्मनिर्भर व समृद्ध बनाने का खाका पेश किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास का यह सबसे बड़ा बजट है। पिछले वित्त वर्ष के बजट से 31.5 प्रतिशत ज्यादा है। बजट में छात्रों को लैपटॉप और अटल कैंटीन से गरीबों को 5 रुपये में खाना देने का भी प्रावधान किया है। चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा यमुना की सफाई का था। सरकार साबरमती की तर्ज पर यमुना को संवारेगी।
वित्त मंत्री का भी कार्यभार संभाल रहीं सीएम ने 138 मिनट के बजट भाषण में कहा कि भ्रष्टाचार व अक्षमता का दौर अब समाप्त हो गया है। भाजपा सरकार ने दिल्ली में 26 वर्ष के बाद बजट पेश किया है।
बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार ने 2025-26 के बजट में पूंजीगत व्यय को दोगुना करके 28,000 करोड़ रुपये कर दिया है। बजट परिव्यय पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में 31.5 फीसदी अधिक है।

दिल्ली में यमुना का विकास अहमदाबाद में साबरमती रिवर-फ्रंट की तर्ज पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यमुना की सफाई और पुनरुद्धार, उसमें नालों के गंदे पानी को गिरने से रोकने और नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने समेत एक व्यापक योजना पेश की है और इसके लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
जल और सीवेज के बुनियादी ढांचे को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए केंद्र से 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद की मांग की है। इस योजना में 500 करोड़ रुपये की लागत से 40 विकेंद्रीकृत सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) बनेंगे।ये संयंत्र प्रमुख नालों में जाने से पहले ही स्रोत पर गंदे पानी का उपचार करेंगे, जिससे नदी में प्रदूषण का स्तर कम होगा।
मुख्यमंत्री रेखा ने कहा, यमुना सिर्फ नदी नहीं है, यह हमारी सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत है। सरकार ने मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत व विकास के लिए 500 करोड़ रुपये, पुरानी सीवर लाइनों को बदलने के लिए 250 करोड़ रुपये और जल उपचार संयंत्रों में सुधार के लिए 250 करोड़ रुपये तय किए हैं।
