“टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को मुर्शिदाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए यह नींव का पत्थर रखा और केंद्र तथा राजनीतिक विरोधियों को चुनौती दी”
मुर्शिदाबाद 07 / 12 / 2025 संतोष सेठ की रिपोर्ट
तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए नींव का पत्थर रखा। उन्होंने कहा कि कोई बाबरी मस्जिद की एक ईंट भी नहीं हटा सकता, क्योंकि बंगाल की 37 प्रतिशत मुस्लिम आबादी इसे हर हाल में बनाएगी।
कबीर ने संविधान के अधिकार पर जोर देते हुए कहा कि मंदिर या गिरजाघर बनाने की तरह ही मस्जिद बनाना भी उनका हक है। सभा को संबोधित करते हुए कबीर ने कहा, ‘मैं कुछ भी असंवैधानिक नहीं कर रहा हूं। कोई भी मंदिर बना सकता है, कोई भी चर्च बना सकता है; मैं मस्जिद बनाऊंगा।’
1. मस्जिद निर्माण पर कबीर के मुख्य दावे
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नींव का पत्थर: हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद के सागरदीघी में बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए नींव का पत्थर रखा।
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संवैधानिक अधिकार: उन्होंने जोर देकर कहा कि मस्जिद बनाना उनका संवैधानिक अधिकार है, ठीक वैसे ही जैसे मंदिर या गिरजाघर बनाना। उन्होंने कहा, “मैं कुछ भी असंवैधानिक नहीं कर रहा हूं।”
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निर्माण का संकल्प: उन्होंने दावा किया कि बंगाल की 37% मुस्लिम आबादी इसे हर हाल में बनाएगी और कोई भी इसकी एक ईंट भी नहीं हटा सकता।
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बजट: उन्होंने घोषणा की कि मस्जिद के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें अस्पताल, गेस्टहाउस और मीटिंग हॉल भी शामिल होंगे।
2. कानूनी और राजनीतिक चुनौतियाँ
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सुप्रीम कोर्ट का हवाला: कबीर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि हिंदुओं ने बाबरी मस्जिद को तोड़ा था और हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वहाँ मंदिर बनाने का फैसला हुआ। लेकिन, उन्होंने जोर दिया कि संविधान उन्हें मस्जिद बनाने की इजाजत देता है।
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धमकियाँ और केस: उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ 5 केस दर्ज हो चुके हैं और उन्हें मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों से धमकियाँ मिली हैं।
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चुनौती: उन्होंने विरोधियों को चुनौती देते हुए कहा, “अगर किसी में हिम्मत है, तो मुर्शिदाबाद आकर दिखाए।”
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अल्लाह का साथ: उन्होंने कहा कि “जिसके साथ अल्लाह है, उसे कोई नहीं रोक सकता।”
3. बीजेपी की प्रतिक्रिया
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धार्मिक ध्रुवीकरण का आरोप: बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जानबूझकर राज्य में धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
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राजनीतिक कदम: बीजेपी ने इस कदम को धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक बताया।
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अस्थिरता का खतरा: बीजेपी ने कहा कि ममता बनर्जी की इस मामले पर चुप्पी से राज्य में अस्थिरता का खतरा बढ़ सकता है।
यह घटना पश्चिम बंगाल में राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।

